गणेश चतुर्थी 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, इतिहास, पूजा विधि और विसर्जन in hindi

18 अगस्त, 2025

गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी या विनायगर चतुर्थी भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और भव्य त्योहार है। यह पर्व भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सुख-समृद्धि के देवता माना जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि सांस्कृतिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है।

महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर भारत के कई हिस्सों में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

घरों और सार्वजनिक पंडालों में गणपति की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं, भव्य सजावट होती है, आरती और भजन होते हैं, और अंत में गणेश विसर्जन के साथ इस पर्व का समापन होता है।

गणेश चतुर्थी 2025

गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी या विनायगर चतुर्थी भी कहा जाता है, भारत के सबसे लोकप्रिय और भव्य त्योहारों में से एक है। यह भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और नई शुरुआत के देवता के रूप में जाना जाता है, के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और आनंद का प्रतीक भी है। विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इसे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भव्य मूर्तियों, सजावट, मिठाइयों, और भक्तिभाव से परिपूर्ण यह त्योहार भारतीय संस्कृति और धार्मिक भावना को दर्शाता है।

2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी और इसका समापन गणपति विसर्जन 6 सितंबर 2025 (शनिवार) को होगा। इस लेख में हम गणेश चतुर्थी के इतिहास, रीति-रिवाजों, गणपति डेकोरेशन आइडियाज, मोदक बनाने, गणपति इनविटेशन कार्ड तैयार करने, मेहंदी डिज़ाइन और अन्य पहलुओं को विस्तार से जानेंगे।

गणेश चतुर्थी का इतिहास और उत्पत्ति

गणेश चतुर्थी का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। भगवान गणेश, जिन्हें हाथी के सिर वाले देवता के रूप में जाना जाता है, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। उनके जन्म की कथा हिंदू पौराणिक कथाओं की एक प्रसिद्ध कथा है।

कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन से गणेश का निर्माण किया और उन्हें अपने कक्ष की रखवाली का कार्य सौंपा। जब भगवान शिव वहां पहुंचे और अंदर जाने का प्रयास किया, तो गणेश ने उन्हें रोक दिया। इससे क्रोधित होकर शिव ने गणेश का सिर काट दिया। बाद में, अपनी गलती का एहसास होने पर उन्होंने गणेश के सिर को हाथी के सिर से बदल दिया, और इसी रूप में भगवान गणेश की पूजा की जाने लगी।

हालांकि, सार्वजनिक रूप से गणेश चतुर्थी का आयोजन 19वीं सदी में जोर पकड़ा, जब बाल गंगाधर तिलक ने इस पर्व को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एकजुटता का प्रतीक बनाया। तिलक ने इसे निजी पूजा से सार्वजनिक उत्सव में बदल दिया, जिसमें विशाल मूर्तियां, जुलूस और सामूहिक प्रार्थनाएं शामिल थीं।

गणेश चतुर्थी 2025 तिथि और मुहूर्त

आयोजनतिथि और समय
गणेश चतुर्थी तिथिबुधवार, 27 अगस्त 2025
चतुर्थी तिथि प्रारंभ26 अगस्त 2025, शाम 05:24 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त27 अगस्त 2025, शाम 07:15 बजे
गणेश पूजा शुभ मुहूर्त27 अगस्त 2025, प्रातः 11:05 से 01:39 बजे तक
अवधि2 घंटे 34 मिनट

गणेश विसर्जन 2025

आयोजनतिथि और समय
गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी)6 सितम्बर 2025, शनिवार
विसर्जन मुहूर्त (प्रातः)06:03 बजे से 07:30 बजे तक
विसर्जन मुहूर्त (सायं)05:55 बजे से 07:15 बजे तक

गणपति स्थापना मुहूर्त 2025

गणेश चतुर्थी का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है गणपति स्थापना, जहां भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित किया जाता है। इसे शुभ समय या मुहूर्त के अनुसार किया जाता है। 2025 में गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को दिन के समय रहेगा। इस मुहूर्त का पालन करना आवश्यक है ताकि पर्व का आयोजन सफल और शुभ हो।

गणेश चतुर्थी का उत्सव: अनुष्ठान और परंपराएं

  • गणपति स्थापना: त्योहार की शुरुआत भगवान गणेश की सुंदर मूर्तियों की स्थापना से होती है, जिन्हें घरों और सार्वजनिक पंडालों में स्थापित किया जाता है।
  • प्राणप्रतिष्ठा: मंत्रों के माध्यम से गणपति को मूर्ति में आमंत्रित किया जाता है।
  • दैनिक आरती और भोग: हर दिन गणपति आरती और मोदक, फल व मिठाइयों का भोग अर्पित किया जाता है।
  • गणपति विसर्जन: पर्व के अंतिम दिन भक्त गणेश प्रतिमा का जल में विसर्जन करते हैं।

गणपति डेकोरेशन आइडियाज

  1. इको-फ्रेंडली सजावट – मिट्टी, बांस, फूल और पत्तियों से सजावट।
  2. थीम आधारित सजावट – महल, प्राकृतिक दृश्यों या मंदिर की प्रतिकृति।
  3. फूलों की सजावट – गेंदे, गुलाब, चमेली से माला और रंगोली।
  4. लाइटिंग – रंगीन लाइट्स, LED कैंडल्स और दीयों का उपयोग।
  5. इको-फ्रेंडली मूर्तियां – मिट्टी और पेपर मेश की मूर्तियां जो आसानी से विसर्जित हो जाती हैं।

गणेश चतुर्थी के लिए मेहंदी डिज़ाइन

  • गणेश आकृति डिज़ाइन – हाथों पर गणेशजी की छोटी आकृति।
  • हाथी-प्रेरित पैटर्न – सूंड और कान से जुड़े पैटर्न।
  • पारंपरिक भारतीय डिज़ाइन – मोर, फूल और बेल-बूटे के साथ गणपति आकृतियाँ।
  • मिनिमलिस्ट डिज़ाइन – साधारण गणेश प्रतीक या सूंड की आकृति।

गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी) – 2025

गणेश चतुर्थी का 10-दिवसीय उत्सव अनंत चतुर्दशी यानी शनिवार, 6 सितम्बर 2025 को समाप्त होगा और इसी दिन विसर्जन किया जाएगा

गणेश चतुर्थी 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, इतिहास, पूजा विधि और विसर्जन in hindi

FAQ's

  1. गणेश चतुर्थी 2025 कब है?

    गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 (बुधवार) को है।

  2. गणेश विसर्जन 2025 कब होगा?

    गणेश विसर्जन 6 सितंबर 2025 (शनिवार), अनंत चतुर्दशी के दिन है।

  3. गणेश चतुर्थी 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है?

    गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त को सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक (2 घंटे 34 मिनट) है।

  4. चतुर्थी तिथि कब से कब तक रहेगी?

    👉 प्रारंभ: 26 अगस्त 2025 शाम 5:24 बजे 👉 समाप्ति: 27 अगस्त 2025 शाम 7:15 बजे।

  5. गणपति विसर्जन 2025 का शुभ मुहूर्त कब है?

    👉 सुबह: 06:03 से 07:30 बजे तक 👉 शाम: 05:55 से 07:15 बजे तक।

  6. गणेश चतुर्थी सबसे धूमधाम से कहाँ मनाई जाती है?

    महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में।

  7. गणेश चतुर्थी का क्या महत्व है?

    इसे भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें विघ्नहर्ता और नई शुरुआत का देवता कहा जाता है।

  8. 2025 में गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है?

    शुभ मुहूर्त 27 अगस्त 2025 को दिन में होगा।

  9. गणपति की सजावट के लिए सबसे अच्छे विचार क्या हैं?

    पर्यावरण-अनुकूल सजावट, थीम आधारित सजावट, फूलों और रोशनी से सजावट।

  10. गणेश चतुर्थी पर लोकप्रिय मेहंदी डिज़ाइन कौन से हैं?

    गणेश आकृति डिज़ाइन, हाथी से प्रेरित पैटर्न, पारंपरिक भारतीय डिज़ाइन और न्यूनतम डिज़ाइन।